NAMEN
|
|
Verkündet
|
|
:
|
|
13
|
|
Juli
|
|
Justizhauptsekretärin
|
|
Urkundsbeamtin
|
|
Geschäftsstelle
|
|
Rechtsstreit
|
|
Nachschlagewerk
|
|
:
|
|
ja
|
|
:
|
|
:
|
|
§
|
|
Gi
|
|
§
|
|
Abs.
|
|
Satz
|
|
§
|
|
Abs.
|
|
Nutzt
|
|
Anlageberater
|
|
-vermittler
|
|
Kapital
|
|
Anlegers
|
|
Provisionen
|
|
"
|
|
schinden
|
|
so
|
|
kommt
|
|
deliktische
|
|
Haftung
|
|
Brokers
|
|
Verluste
|
|
Anlegers
|
|
Beteiligung
|
|
sittenwidrigen
|
|
Verhalten
|
|
Anlageberaters
|
|
-vermittlers
|
|
Betracht
|
|
.
|
|
Tatrichter
|
|
kann
|
|
Gehilfenvorsatz
|
|
Brokers
|
|
Grund
|
|
geeigneter
|
|
Indizien
|
|
etwa
|
|
Anlageberater
|
|
-vermittler
|
|
bestehenden
|
|
Rückvergütungsvereinbarung
|
|
kickback
|
|
Berücksichtigung
|
|
gesamten
|
|
Umstände
|
|
Falles
|
|
feststellen
|
|
.
|
|
Urteil
|
|
13
|
|
Juli
|
|
.
|
|
Zivilsenat
|
|
Bundesgerichtshofs
|
|
hat
|
|
mündliche
|
|
Verhandlung
|
|
13
|
|
Juli
|
|
Vorsitzende
|
|
Richterin
|
|
Dr.
|
|
Richter
|
|
Dr.
|
|
Richterin
|
|
Richter
|
|
Pauge
|
|
Zoll
|
|
Recht
|
|
erkannt
|
|
:
|
|
Revision
|
|
Urteil
|
|
16
|
|
.
|
|
Zivilsenats
|
|
Oberlandesgerichts
|
|
3
|
|
.
|
|
April
|
|
wird
|
|
Kosten
|
|
Beklagten
|
|
zurückgewiesen
|
|
.
|
|
Tatbestand
|
|
:
|
|
Kläger
|
|
nehmen
|
|
Beklagte
|
|
Folgenden
|
|
:
|
|
Beklagte
|
|
Brokerfirma
|
|
Sitz
|
|
Ersatz
|
|
Verlusten
|
|
Termindirektgeschäften
|
|
Anspruch
|
|
.
|
|
Kläger
|
|
eröffneten
|
|
Oktober
|
|
Beklagten
|
|
jeweils
|
|
geführtes
|
|
Konto
|
|
Handel
|
|
Wertpapieren
|
|
Optionen
|
|
Terminkontrakten
|
|
.
|
|
erteilten
|
|
Mitarbeiter
|
|
M-GmbH
|
|
früheren
|
|
Beklagten
|
|
Wirtschaftsberatungsgesellschaft
|
|
Veranlassung
|
|
Kontoeröffnung
|
|
geschah
|
|
Vollmacht
|
|
.
|
|
Kläger
|
|
erklärten
|
|
jeweils
|
|
einverstanden
|
|
M-GmbH
|
|
Vergütung
|
|
Kundenbetreuungsleistungen
|
|
Rückvergütung
|
|
"
|
|
kick-back
|
|
"
|
|
Beklagten
|
|
zustehenden
|
|
Kommissionen
|
|
erhielt
|
|
;
|
|
Rückvergütung
|
|
betrug
|
|
%
|
|
.
|
|
Kläger
|
|
erbrachten
|
|
jeweils
|
|
Einzahlungen
|
|
erheblichem
|
|
Umfang
|
|
DM
|
|
DM
|
|
.
|
|
Beklagte
|
|
handelte
|
|
Vielzahl
|
|
Optionskontrakten
|
|
.
|
|
Beendigung
|
|
Geschäftsbeziehung
|
|
erhielten
|
|
Kläger
|
|
Juli
|
|
restliches
|
|
Kontoguthaben
|
|
DM
|
|
Kläger
|
|
Juni
|
|
ausbezahlt
|
|
.
|
|
Parteien
|
|
haben
|
|
u.a.
|
|
gestritten
|
|
inzwischen
|
|
rechtskräftig
|
|
Zahlung
|
|
Teilbetrages
|
|
verurteilte
|
|
M-GmbH
|
|
Beklagte
|
|
zusammengewirkt
|
|
haben
|
|
Geldern
|
|
Konten
|
|
Kläger
|
|
Provisionen
|
|
"
|
|
schinden
|
|
sog.
|
|
.
|
|
Rechtsstreit
|
|
war
|
|
bereits
|
|
Gegenstand
|
|
Urteils
|
|
Bundesgerichtshofs
|
|
22
|
|
November
|
|
XI
|
|
VersR
|
|
tatbestandliche
|
|
Ausführungen
|
|
ergänzend
|
|
verwiesen
|
|
wird
|
|
.
|
|
Landgericht
|
|
hat
|
|
Zurückverweisung
|
|
Sache
|
|
Bundesgerichtshof
|
|
Beweis
|
|
erhoben
|
|
Zeugenvernehmung
|
|
sodann
|
|
Klage
|
|
Beklagte
|
|
stattgegeben
|
|
.
|
|
Berufungsgericht
|
|
hat
|
|
Berufung
|
|
Beklagten
|
|
Einholung
|
|
Sachverständigengutachten
|
|
wesentlichen
|
|
zurückgewiesen
|
|
.
|
|
Berufungsurteil
|
|
zugelassenen
|
|
Revision
|
|
verfolgt
|
|
Beklagte
|
|
Ziel
|
|
Abweisung
|
|
gerichteten
|
|
Klage
|
|
.
|
|
Entscheidungsgründe
|
|
:
|
|
Berufungsgericht
|
|
bejaht
|
|
Haftung
|
|
Beklagten
|
|
§
|
|
§
|
|
Vorwurf
|
|
M-GmbH
|
|
Beklagten
|
|
gemeinsam
|
|
betriebenen
|
|
Provisionsschinderei
|
|
berechtigt
|
|
ansieht
|
|
.
|
|
Würdigung
|
|
ergebe
|
|
wesentlichen
|
|
Vorliegen
|
|
Kick-Back-Vereinbarung
|
|
.
|
|
sei
|
|
Gefahr
|
|
begründet
|
|
worden
|
|
MGmbH
|
|
Bevollmächtigte
|
|
eigenen
|
|
Interesse
|
|
möglichst
|
|
häufig
|
|
Positionen
|
|
wechselte
|
|
immer
|
|
wieder
|
|
neu
|
|
Provisionen
|
|
verdienen
|
|
.
|
|
Ausführungen
|
|
Sachverständigen
|
|
seien
|
|
weitere
|
|
Indizien
|
|
Provisionsschinderei
|
|
erkennen
|
|
.
|
|
Anzahl
|
|
vorgenommenen
|
|
Geschäfte
|
|
sei
|
|
ungerechtfertigt
|
|
hoch
|
|
gewesen
|
|
.
|
|
habe
|
|
Verhältnis
|
|
monatlich
|
|
Kläger
|
|
belasteten
|
|
Provisionen
|
|
durchschnittlichen
|
|
Kontowert
|
|
Monaten
|
|
%
|
|
gelegen
|
|
Grenzwert
|
|
überschritten
|
|
sei
|
|
.
|
|
Kläger
|
|
habe
|
|
Verhältnis
|
|
ersten
|
|
Monat
|
|
%
|
|
zweiten
|
|
Monat
|
|
%
|
|
gelegen
|
|
.
|
|
Weiterhin
|
|
hätten
|
|
Beklagten
|
|
hohen
|
|
Anteil
|
|
wirtschaftlich
|
|
sinnlosen
|
|
Geschäften
|
|
Kläger
|
|
vorgenommen
|
|
.
|
|
Schließlich
|
|
sei
|
|
Anlageverhalten
|
|
auch
|
|
schlüssige
|
|
Handelsstrategie
|
|
entnehmen
|
|
.
|
|
Beklagte
|
|
habe
|
|
zumindest
|
|
bedingtem
|
|
Vorsatz
|
|
gehandelt
|
|
.
|
|
habe
|
|
extreme
|
|
Häufigkeit
|
|
Transaktionen
|
|
leicht
|
|
erkennen
|
|
können
|
|
.
|
|
sei
|
|
Verhalten
|
|
M-GmbH
|
|
Aufträge
|
|
erteilten
|
|
Vollmacht
|
|
erteilt
|
|
habe
|
|
einverstanden
|
|
gewesen
|
|
Abschluß
|
|
Kick-Back-Vereinbarung
|
|
Unterlassen
|
|
Überprüfung
|
|
Seriosität
|
|
M-GmbH
|
|
unzureichende
|
|
Kontrolle
|
|
Kontobewegungen
|
|
Zeugen
|
|
bewiesene
|
|
deutschen
|
|
Repräsentanz
|
|
Beklagten
|
|
früher
|
|
mal
|
|
ausgesprochene
|
|
Anweisung
|
|
so
|
|
Kommissionen
|
|
möglich
|
|
verdienen
|
|
Ausdruck
|
|
gebracht
|
|
habe
|
|
.
|
|
II
|
|
.
|
|
Ausführungen
|
|
halten
|
|
revisionsrechtlichen
|
|
Prüfung
|
|
stand
|
|
.
|
|
1
|
|
.
|
|
Berufungsgericht
|
|
Haftung
|
|
§
|
|
begründende
|
|
Provisionsschinderei
|
|
Mitarbeiter
|
|
M-GmbH
|
|
insbesondere
|
|
Herrn
|
|
bejaht
|
|
sind
|
|
Ausführungen
|
|
Rechtsgründen
|
|
beanstanden
|
|
.
|
|
churning
|
|
M-GmbH
|
|
vorliege
|
|
hat
|
|
auch
|
|
Beklagte
|
|
mündlichen
|
|
Verhandlung
|
|
erkennenden
|
|
Senat
|
|
mehr
|
|
ernsthaft
|
|
Frage
|
|
gestellt
|
|
.
|
|
engeren
|
|
hier
|
|
Betracht
|
|
kommenden
|
|
Sinne
|
|
möglichen
|
|
Folge
|
|
Haftung
|
|
§
|
|
versteht
|
|
Interesse
|
|
Kunden
|
|
gerechtfertigten
|
|
häufigen
|
|
Umschlag
|
|
Anlagekontos
|
|
Broker
|
|
Vermittler
|
|
Lasten
|
|
Gewinnchancen
|
|
Kunden
|
|
Provisionseinnahmen
|
|
verschaffen
|
|
Urteile
|
|
22
|
|
November
|
|
XI
|
|
VersR
|
|
23
|
|
.
|
|
September
|
|
VersR
|
|
;
|
|
Terminhandel
|
|
Recht
|
|
Praxis
|
|
.
|
|
m.w
|
|
.
|
|
;
|
|
Bröker
|
|
Strafrechtliche
|
|
Probleme
|
|
-optionsgeschäften
|
|
S.
|
|
.
|
|
.
|
|
Anlageverwalter
|
|
-berater
|
|
M-GmbH
|
|
Kapitalanleger
|
|
hinreichende
|
|
Vertrauensstellung
|
|
verfügt
|
|
kann
|
|
Sinne
|
|
Interesse
|
|
Anlegers
|
|
gerechtfertigte
|
|
Provisionen
|
|
Ausnutzung
|
|
erteilten
|
|
Vollmacht
|
|
ebenso
|
|
"
|
|
schinden
|
|
"
|
|
Empfehlungen
|
|
Ratschläge
|
|
vgl.
|
|
Schwark
|
|
Kapitalmarktrechts-Kommentar
|
|
§
|
|
.
|
|
m.w
|
|
.
|
|
;
|
|
Bankrechts-Handbuch/Eisele
|
|
.
|
|
46
|
|
;
|
|
Schlüter
|
|
Börsenhandelsrecht
|
|
2
|
|
.
|
|
Aufl
|
|
.
|
|
.
|
|
.
|
|
geht
|
|
Berufungsgericht
|
|
Würdigung
|
|
Beweisergebnisses
|
|
vorliegenden
|
|
Indizien
|
|
ersichtlich
|
|
.
|
|
schriftlichen
|
|
Revisionsbegründung
|
|
vertretene
|
|
Auffassung
|
|
Berufungsurteil
|
|
sei
|
|
Bezug
|
|
Subsumtion
|
|
Sachverhaltes
|
|
gesetzlichen
|
|
Voraussetzungen
|
|
Gründen
|
|
versehen
|
|
§
|
|
Nr.
|
|
ist
|
|
unrichtig
|
|
.
|
|
weitere
|
|
Konkretisierung
|
|
Anspruchsmerkmale
|
|
war
|
|
erforderlich
|
|
.
|
|
Berufungsgericht
|
|
Voraussetzungen
|
|
Haftung
|
|
sittenwidriger
|
|
Provisionsschinderei
|
|
nämlich
|
|
Einflußnahme
|
|
Kapitalvermögen
|
|
Anlegers
|
|
entsprechende
|
|
Motivation
|
|
Zielrichtung
|
|
Schädigers
|
|
Feststellung
|
|
Zielrichtung
|
|
Einflußnahme
|
|
Kapitalvermögen
|
|
tatsächlich
|
|
Erfolg
|
|
hatte
|
|
M-GmbH
|
|
bejaht
|
|
greifen
|
|
schriftlichen
|
|
Revisionsbegründung
|
|
erhobenen
|
|
.
|
|
Kläger
|
|
stellt
|
|
Berufungsgericht
|
|
insoweit
|
|
Revision
|
|
angegriffen
|
|
Handeln
|
|
Terminkontrakten
|
|
Kauf
|
|
Optionen
|
|
Zeitraum
|
|
Oktober
|
|
Mai
|
|
ferner
|
|
Monaten
|
|
jeweils
|
|
Kommissionen
|
|
Gunsten
|
|
Beklagten
|
|
Höhe
|
|
%
|
|
jeweiligen
|
|
durchschnittlichen
|
|
Kontound
|
|
anfielen
|
|
.
|
|
geht
|
|
Rechtsfehler
|
|
Mitarbeiter
|
|
M-GmbH
|
|
Geschäfte
|
|
Klägers
|
|
Einfluß
|
|
nahmen
|
|
.
|
|
Vortrag
|
|
Beklagten
|
|
Kläger
|
|
habe
|
|
April
|
|
Aufträge
|
|
selbst
|
|
erteilt
|
|
zuvor
|
|
nur
|
|
gelegentlich
|
|
telefonisch
|
|
Anordnungen
|
|
erteilt
|
|
Anweisungen
|
|
übrigen
|
|
Herrn
|
|
übermittelt
|
|
worden
|
|
seien
|
|
hat
|
|
rechtsfehlerfrei
|
|
ausreichend
|
|
substantiiert
|
|
angesehen
|
|
.
|
|
che
|
|
Aufträge
|
|
erteilt
|
|
wurden
|
|
war
|
|
Gegenstand
|
|
eigener
|
|
Wahrnehmung
|
|
M-GmbH
|
|
auch
|
|
Beklagten
|
|
.
|
|
Hinblick
|
|
Darlegungen
|
|
Klägers
|
|
jedenfalls
|
|
aber
|
|
Ausführungen
|
|
Urteil
|
|
Landgerichts
|
|
10
|
|
.
|
|
März
|
|
Beklagte
|
|
habe
|
|
insoweit
|
|
ausreichend
|
|
substantiiert
|
|
vorgetragen
|
|
wäre
|
|
konkreter
|
|
Gegenvortrag
|
|
erwarten
|
|
gewesen
|
|
;
|
|
hat
|
|
Berufungsgericht
|
|
Rechtsfehler
|
|
vermißt
|
|
.
|
|
angegriffen
|
|
sind
|
|
auch
|
|
Feststellungen
|
|
Berufungsgerichts
|
|
Kläger
|
|
Zeitraum
|
|
22
|
|
.
|
|
Oktober
|
|
22
|
|
November
|
|
Kommissionen
|
|
Höhe
|
|
%
|
|
Zeitraum
|
|
22
|
|
November
|
|
22
|
|
.
|
|
Dezember
|
|
Höhe
|
|
%
|
|
durchschnittlichen
|
|
Kontowerts
|
|
anfielen
|
|
letzten
|
|
Monat
|
|
Konto
|
|
kaum
|
|
noch
|
|
Guthaben
|
|
auswies
|
|
ausreichte
|
|
größerem
|
|
Umfang
|
|
Handel
|
|
treiben
|
|
können
|
|
.
|
|
Auch
|
|
hier
|
|
sind
|
|
Feststellung
|
|
Mitarbeiter
|
|
M-GmbH
|
|
Kläger
|
|
vorgenommenen
|
|
Geschäfte
|
|
Einfluß
|
|
nahmen
|
|
Ansicht
|
|
Berufungsgerichts
|
|
entgegenstehende
|
|
Vortrag
|
|
Beklagten
|
|
hinreichend
|
|
substantiiert
|
|
sei
|
|
revisionsrechtlich
|
|
beanstanden
|
|
.
|
|
Berufungsgericht
|
|
geht
|
|
weiter
|
|
Rechtsfehler
|
|
Einflußnahme
|
|
Mitarbeitern
|
|
M-GmbH
|
|
insbesondere
|
|
Herrn
|
|
Kapitalvermögen
|
|
Kläger
|
|
sei
|
|
entscheidend
|
|
Willen
|
|
motiviert
|
|
gewesen
|
|
Provisionen
|
|
Rücksicht
|
|
Gewinninteressen
|
|
Kläger
|
|
verursachen
|
|
Ziel
|
|
sei
|
|
vordringlich
|
|
verfolgt
|
|
worden
|
|
.
|
|
unmittelbarer
|
|
Beweis
|
|
insoweit
|
|
möglich
|
|
ist
|
|
auch
|
|
Anscheinsbeweis
|
|
ausscheidet
|
|
stützt
|
|
Berufungsgericht
|
|
Feststellungen
|
|
zutreffend
|
|
Umständen
|
|
Falles
|
|
Ergebnis
|
|
Beweisaufnahme
|
|
-9-
|
|
benden
|
|
Indizien
|
|
.
|
|
Würdigung
|
|
konkret
|
|
vorliegenden
|
|
Indizien
|
|
läßt
|
|
revisionsrechtlich
|
|
relevanten
|
|
Fehler
|
|
erkennen
|
|
.
|
|
Erfolg
|
|
rügt
|
|
Revision
|
|
Berufungsgericht
|
|
hätte
|
|
Beweiswürdigung
|
|
auch
|
|
Bekundungen
|
|
Wege
|
|
Rechtshilfe
|
|
vernommenen
|
|
Zeugen
|
|
stützen
|
|
dürfen
|
|
.
|
|
Verfahrensfehler
|
|
unterlassenen
|
|
Benachrichtigung
|
|
Vernehmungstermin
|
|
geheilt
|
|
worden
|
|
ist
|
|
läßt
|
|
jedenfalls
|
|
Revisionsrüge
|
|
erkennen
|
|
Fehler
|
|
Entscheidung
|
|
Berufungsgerichts
|
|
ursächlich
|
|
geworden
|
|
sein
|
|
könnte
|
|
.
|
|
Zeuge
|
|
konkreten
|
|
Vorfällen
|
|
Streitfalls
|
|
Aussage
|
|
machen
|
|
konnte
|
|
nie
|
|
Beklagten
|
|
beschäftigt
|
|
war
|
|
Beschäftigung
|
|
GmbH
|
|
damaligen
|
|
Repräsentanz
|
|
Beklagten
|
|
bereits
|
|
Jahre
|
|
beendet
|
|
hatte
|
|
ergibt
|
|
Aussage
|
|
insoweit
|
|
weiteren
|
|
Klärung
|
|
zusätzliche
|
|
Befragung
|
|
bedurfte
|
|
ist
|
|
auch
|
|
Berufungsgericht
|
|
erkannt
|
|
worden
|
|
.
|
|
hat
|
|
Indizwirkung
|
|
Aussage
|
|
auch
|
|
nur
|
|
schwach
|
|
eingestuft
|
|
.
|
|
Erfolg
|
|
bleibt
|
|
auch
|
|
Rüge
|
|
Revision
|
|
Berufungsgericht
|
|
habe
|
|
Ausführungen
|
|
zunächst
|
|
bestellten
|
|
Sachverständigen
|
|
Entscheidung
|
|
Unrecht
|
|
zugrundegelegt
|
|
Ausführungen
|
|
sodann
|
|
bestellten
|
|
Sachverständigen
|
|
Privatgutachters
|
|
S.
|
|
gestützt
|
|
.
|
|
Berufungsgericht
|
|
legt
|
|
angefochtenen
|
|
Urteil
|
|
Gründen
|
|
gutachterlichen
|
|
Äußerungen
|
|
Sachverständigen
|
|
unberücksichtigt
|
|
gelassen
|
|
hat
|
|
.
|
|
Ausführungen
|
|
lassen
|
|
Verstoß
|
|
§
|
|
noch
|
|
sonst
|
|
Überschreitung
|
|
Tatrichter
|
|
Beweiserhebung
|
|
eingeräumten
|
|
Befugnisse
|
|
erkennen
|
|
.
|
|
Rechtsgründen
|
|
beanstanden
|
|
sind
|
|
Schlußfolgerungen
|
|
Berufungsgericht
|
|
Hinblick
|
|
M-GmbH
|
|
zieht
|
|
.
|
|
Tatrichter
|
|
ist
|
|
Indizien
|
|
gestützten
|
|
Beweis
|
|
grundsätzlich
|
|
Beweiskraft
|
|
Indizien
|
|
einzelnen
|
|
Gesamtschau
|
|
Überzeugungsbildung
|
|
beimißt
|
|
vgl.
|
|
Senatsurteil
|
|
22
|
|
.
|
|
Januar
|
|
VersR
|
|
566
|
|
;
|
|
Urteile
|
|
14
|
|
.
|
|
Januar
|
|
ZR
|
|
15
|
|
.
|
|
Oktober
|
|
m.w
|
|
.
|
|
23
|
|
.
|
|
Januar
|
|
;
|
|
Musielak/Ball
|
|
3
|
|
.
|
|
Aufl
|
|
.
|
|
.
|
|
9
|
|
;
|
|
24
|
|
.
|
|
Aufl
|
|
.
|
|
.
|
|
.
|
|
stellt
|
|
Indizien
|
|
zukommenden
|
|
somit
|
|
ergebenden
|
|
Schlußfolgerungen
|
|
.
|
|
unterliegt
|
|
abgesehen
|
|
allgemeinen
|
|
Beweisverwertungsverboten
|
|
rechtlichen
|
|
Einschränkungen
|
|
Berücksichtigung
|
|
Tatsachen
|
|
häufigere
|
|
Wahrscheinlichkeit
|
|
eigentlich
|
|
beweisende
|
|
Haupttatsache
|
|
aufweisen
|
|
Indizwirkung
|
|
entfalten
|
|
können
|
|
vgl.
|
|
Stein/Jonas/Leipold
|
|
21
|
|
.
|
|
Aufl
|
|
.
|
|
.
|
|
.
|
|
Revisionsrechtlich
|
|
ist
|
|
Beweiswürdigung
|
|
§
|
|
nur
|
|
überprüfen
|
|
Umstände
|
|
vollständig
|
|
berücksichtigt
|
|
Erfahrungssätze
|
|
verstoßen
|
|
hat
|
|
vgl.
|
|
Senatsurteil
|
|
22
|
|
.
|
|
Januar
|
|
aaO
|
|
;
|
|
Urteile
|
|
15
|
|
.
|
|
Oktober
|
|
aaO
|
|
23
|
|
.
|
|
Januar
|
|
aaO
|
|
;
|
|
Musielak/Ball
|
|
aaO
|
|
.
|
|
hat
|
|
Überzeugungsbildung
|
|
wesentlichen
|
|
Gesichtspunkte
|
|
nachvollziehbar
|
|
darzulegen
|
|
vgl.
|
|
Senatsurteil
|
|
22
|
|
.
|
|
Januar
|
|
aaO
|
|
.
|
|
Anforderungen
|
|
genügt
|
|
Berufungsurteil
|
|
.
|
|
Sachverständig
|
|
beraten
|
|
sieht
|
|
wesentliches
|
|
Indiz
|
|
beabsichtigte
|
|
Provisionsschinderei
|
|
Umstand
|
|
Kommissionen
|
|
Kläger
|
|
Monaten
|
|
Kläger
|
|
ersten
|
|
Monate
|
|
%
|
|
jeweiligen
|
|
durchschnittlichen
|
|
ausmachten
|
|
.
|
|
Berufungsgericht
|
|
Auseinandersetzung
|
|
Ausführungen
|
|
Sachverständigen
|
|
gezogene
|
|
Folgerung
|
|
hier
|
|
liege
|
|
gewichtiges
|
|
Indiz
|
|
erscheint
|
|
naheliegend
|
|
ist
|
|
jedenfalls
|
|
revisionsrechtlich
|
|
beanstanden
|
|
.
|
|
schriftlichen
|
|
Revisionsbegründung
|
|
vertretenen
|
|
Auffassung
|
|
besteht
|
|
Veranlassung
|
|
verbindlich
|
|
feste
|
|
Werte
|
|
vorzugeben
|
|
Überschreitung
|
|
Provisionsschinderei
|
|
bejahen
|
|
Unterschreiten
|
|
verneinen
|
|
ist
|
|
.
|
|
Sittenwidrigkeit
|
|
Provisionsinteresse
|
|
motivierten
|
|
schädigenden
|
|
Einflußnahme
|
|
Anlageverhalten
|
|
Kapitalanlegers
|
|
ergibt
|
|
allein
|
|
Motivation
|
|
Anlageberaters
|
|
-verwalters
|
|
Gewinninteressen
|
|
Anlegers
|
|
Acht
|
|
läßt
|
|
Überschreiten
|
|
Grenzwerten
|
|
.
|
|
Verhältnis
|
|
Provisionen
|
|
durchschnittlichem
|
|
Kontowert
|
|
hat
|
|
nur
|
|
Bedeutung
|
|
Indizes
|
|
Tatrichter
|
|
Berücksichtigung
|
|
sonstiger
|
|
Umstände
|
|
jeweiligen
|
|
Falles
|
|
werten
|
|
hat
|
|
.
|
|
Auch
|
|
Grenzwerte
|
|
weitere
|
|
Bedingungen
|
|
Richtlinien
|
|
amerikanischen
|
|
Association
|
|
Annahme
|
|
Provisionsschinderei
|
|
haben
|
|
nur
|
|
indizielle
|
|
Bedeutung
|
|
auch
|
|
hilfreich
|
|
Beurteilung
|
|
Parteivortrags
|
|
Ausführungen
|
|
eventuell
|
|
hinzugezogenen
|
|
Sachverständigen
|
|
sein
|
|
können
|
|
.
|
|
Rechtsfehlerfrei
|
|
bezieht
|
|
Berufungsgericht
|
|
commission-toequity-ratio
|
|
weitere
|
|
Indizien
|
|
Überlegungen
|
|
.
|
|
Annahme
|
|
Kläger
|
|
sei
|
|
hoher
|
|
Anteil
|
|
wirtschaftlich
|
|
sinnlosen
|
|
kurzfristigen
|
|
Geschäften
|
|
vorgenommen
|
|
worden
|
|
auch
|
|
sei
|
|
Handelsstrategie
|
|
erkennbar
|
|
ergäben
|
|
zusätzliche
|
|
Indizien
|
|
beruht
|
|
tatrichterlichen
|
|
Würdigung
|
|
Sachverhalts
|
|
insbesondere
|
|
Ausführungen
|
|
Sachverständigen
|
|
Verstoß
|
|
Erfahrungssätze
|
|
noch
|
|
sonst
|
|
revisionsrechtlich
|
|
relevante
|
|
Fehler
|
|
erkennen
|
|
läßt
|
|
.
|
|
gilt
|
|
auch
|
|
Aussage
|
|
Zeugen
|
|
wenngleich
|
|
schwache
|
|
Indizwirkung
|
|
Motivation
|
|
Provisionsschinderei
|
|
beimißt
|
|
.
|
|
vorgenommenen
|
|
Kapitalanlagegeschäfte
|
|
Teil
|
|
Gewinn
|
|
abwarfen
|
|
Teil
|
|
aber
|
|
gewöhnliche
|
|
Marktverluste
|
|
entstanden
|
|
mußte
|
|
Berufungsgericht
|
|
Ansicht
|
|
Revision
|
|
Indiz
|
|
gezielte
|
|
Provisionsschinderei
|
|
herleiten
|
|
.
|
|
Erfolg
|
|
Mißerfolg
|
|
auch
|
|
hier
|
|
vorgenommenen
|
|
Kapitalanlagegeschäfte
|
|
auch
|
|
Marktgeschehen
|
|
abhingen
|
|
bedarf
|
|
besonderen
|
|
Betonung
|
|
.
|
|
indiziell
|
|
beweisende
|
|
Absicht
|
|
M-GmbH
|
|
besagt
|
|
.
|
|
Beklagte
|
|
Sachverhalt
|
|
Beweisergebnis
|
|
anders
|
|
würdigt
|
|
Berufungsgericht
|
|
kann
|
|
Revision
|
|
Erfolg
|
|
gestützt
|
|
werden
|
|
.
|
|
Revision
|
|
vorstehend
|
|
erörterten
|
|
Punkten
|
|
erhobenen
|
|
Verfahrensrügen
|
|
hat
|
|
Senat
|
|
insgesamt
|
|
geprüft
|
|
durchgreifend
|
|
erachtet
|
|
.
|
|
weiteren
|
|
Begründung
|
|
wird
|
|
insoweit
|
|
abgesehen
|
|
§
|
|
.
|
|
2
|
|
.
|
|
Berufungsurteil
|
|
hält
|
|
revisionsrechtlicher
|
|
Überprüfung
|
|
auch
|
|
insoweit
|
|
stand
|
|
Berufungsgericht
|
|
annimmt
|
|
stehe
|
|
Beklagten
|
|
Beteiligung
|
|
M-GmbH
|
|
vorzuwerfen
|
|
sei
|
|
.
|
|
beruht
|
|
tatrichterlichen
|
|
Würdigung
|
|
konkreten
|
|
Sachverhalts
|
|
Revision
|
|
Erfolg
|
|
bekämpft
|
|
.
|
|
Voraussetzungen
|
|
Teilnahme
|
|
unerlaubten
|
|
Handlung
|
|
Sinne
|
|
§
|
|
Abs.
|
|
S.
|
|
Abs.
|
|
richten
|
|
Strafrecht
|
|
entwickelten
|
|
Grundsätzen
|
|
.
|
|
Teilnahme
|
|
verlangt
|
|
demgemäß
|
|
Kenntnis
|
|
Tatumstände
|
|
wenigstens
|
|
groben
|
|
Zügen
|
|
jeweiligen
|
|
Willen
|
|
einzelnen
|
|
Beteiligten
|
|
Tat
|
|
gemeinschaftlich
|
|
anderen
|
|
auszuführen
|
|
fremde
|
|
Tat
|
|
fördern
|
|
.
|
|
Objektiv
|
|
muß
|
|
Beteiligung
|
|
Ausführung
|
|
Tat
|
|
hinzukommen
|
|
Form
|
|
Begehung
|
|
fördert
|
|
relevant
|
|
ist
|
|
.
|
|
einzelnen
|
|
Teilnehmer
|
|
muß
|
|
Verhalten
|
|
festgestellt
|
|
werden
|
|
können
|
|
rechtswidrigen
|
|
Eingriff
|
|
fremde
|
|
Rechtsgut
|
|
unterstützt
|
|
hat
|
|
Kenntnis
|
|
Tatumstände
|
|
Rechtsgutverletzung
|
|
gerichteten
|
|
Willen
|
|
getragen
|
|
war
|
|
vgl.
|
|
Senatsurteil
|
|
f.
|
|
.
|
|
.
|
|
Verhalten
|
|
Beklagten
|
|
letztlich
|
|
Berufungsgericht
|
|
meint
|
|
Mittäterschaft
|
|
Hinblick
|
|
Beklagte
|
|
ausgeführt
|
|
hat
|
|
nur
|
|
M-GmbH
|
|
habe
|
|
begangen
|
|
werden
|
|
können
|
|
Beihilfe
|
|
darstellt
|
|
ist
|
|
zivilrechtliche
|
|
Haftung
|
|
Bedeutung
|
|
vgl.
|
|
Senatsurteil
|
|
.
|
|
Fällen
|
|
vorliegenden
|
|
Art
|
|
wird
|
|
nur
|
|
ausnahmsweise
|
|
ausdrückliche
|
|
Verabredung
|
|
Beteiligten
|
|
Vornahme
|
|
sittenwidrigen
|
|
Handlungen
|
|
ausdrückliche
|
|
Zusage
|
|
Beteiligten
|
|
Hilfeleistung
|
|
feststellen
|
|
lassen
|
|
.
|
|
ergibt
|
|
dann
|
|
Notwendigkeit
|
|
gesamten
|
|
Umstände
|
|
konkreten
|
|
Einzelfalls
|
|
möglicherweise
|
|
auch
|
|
Grundzüge
|
|
bestimmter
|
|
mißbilligender
|
|
branchentypischer
|
|
Handlungsweisen
|
|
aufzeigen
|
|
untersuchen
|
|
ausreichende
|
|
Anhaltspunkte
|
|
Beteiligung
|
|
sittenwidrigen
|
|
Verhalten
|
|
ergeben
|
|
.
|
|
Verhalten
|
|
sittenwidrig
|
|
anzusehen
|
|
ist
|
|
Berufungsgericht
|
|
Gesamtumstände
|
|
Falles
|
|
insoweit
|
|
erforderlichem
|
|
Umfang
|
|
gewürdigt
|
|
hat
|
|
kann
|
|
Revisionsgericht
|
|
uneingeschränkt
|
|
überprüfen
|
|
vgl.
|
|
Senatsurteile
|
|
f.
|
|
20
|
|
.
|
|
Mai
|
|
VersR
|
|
.
|
|
.
|
|
.
|
|
sittenwidriges
|
|
Verhalten
|
|
gestellt
|
|
ist
|
|
unterliegt
|
|
tatrichterliche
|
|
Würdigung
|
|
Dritter
|
|
habe
|
|
mitgewirkt
|
|
Revisionsverfahren
|
|
jedoch
|
|
nur
|
|
Überprüfung
|
|
Voraussetzungen
|
|
Teilnahme
|
|
verkannt
|
|
Würdigung
|
|
Tatumstände
|
|
Regeln
|
|
ordnungsgemäßen
|
|
Beweiswürdigung
|
|
insbesondere
|
|
Erfahrungssätze
|
|
verletzt
|
|
worden
|
|
sind
|
|
.
|
|
ist
|
|
hier
|
|
Fall
|
|
.
|
|
Berufungsgericht
|
|
hat
|
|
Rechtsfehler
|
|
objektiven
|
|
auch
|
|
subjektiven
|
|
Merkmale
|
|
§
|
|
Abs.
|
|
Satz
|
|
Abs.
|
|
haftungsrechtlich
|
|
relevanten
|
|
Teilnahmehandlung
|
|
bejaht
|
|
.
|
|
objektiven
|
|
Merkmale
|
|
liegen
|
|
zweifellos
|
|
.
|
|
getroffenen
|
|
Feststellungen
|
|
flossen
|
|
M-GmbH
|
|
sittenwidrigen
|
|
Vorgehens
|
|
erzielten
|
|
Provisionen
|
|
Ausführung
|
|
Beklagten
|
|
getroffenen
|
|
Kick-Back-Vereinbarung
|
|
.
|
|
Gesamtvorgang
|
|
war
|
|
also
|
|
Mitwirkung
|
|
Beklagten
|
|
mitgeprägt
|
|
.
|
|
Auch
|
|
Vorliegen
|
|
subjektiven
|
|
Merkmale
|
|
Teilnahmehandlung
|
|
Beklagten
|
|
hat
|
|
Berufungsgericht
|
|
rechtsfehlerfrei
|
|
bejaht
|
|
.
|
|
geht
|
|
beanstandungsfrei
|
|
Beklagten
|
|
Kick-Back-Vereinbarung
|
|
verbundene
|
|
Gefahr
|
|
M-GmbH
|
|
Außerachtlassung
|
|
Anlegerinteresses
|
|
eigenen
|
|
Provisionsinteresse
|
|
möglichst
|
|
häufig
|
|
Positionen
|
|
wechselte
|
|
bekannt
|
|
war
|
|
.
|
|
Beklagte
|
|
macht
|
|
selbst
|
|
geltend
|
|
Gefahr
|
|
Weise
|
|
geeignete
|
|
Schutzmaßnahmen
|
|
entgegengewirkt
|
|
haben
|
|
.
|
|
konkretisiert
|
|
Berufungsgericht
|
|
Seriosität
|
|
M-GmbH
|
|
überprüft
|
|
noch
|
|
Kontenbewegungen
|
|
kontrolliert
|
|
worden
|
|
seien
|
|
.
|
|
Umständen
|
|
ist
|
|
Annahme
|
|
Berufungsgerichts
|
|
haftungsrechtlich
|
|
relevante
|
|
Mitwirkungshandlung
|
|
sei
|
|
auch
|
|
subjektiver
|
|
Hinsicht
|
|
tragfähige
|
|
Grundlage
|
|
festgestellt
|
|
rechtlich
|
|
beanstanden
|
|
.
|
|
Brokerbank
|
|
vorliegend
|
|
Betracht
|
|
ziehenden
|
|
Umständen
|
|
naheliegende
|
|
Gefahr
|
|
Beratungsunternehmen
|
|
praktizierten
|
|
Kick-Back-Vereinbarung
|
|
Anleger
|
|
kennt
|
|
gleichwohl
|
|
jedwede
|
|
Schutzmaßnahme
|
|
praktiziert
|
|
nimmt
|
|
Verwirklichung
|
|
Gefahr
|
|
Kauf
|
|
leistet
|
|
zumindest
|
|
bedingt
|
|
vorsätzlich
|
|
Hilfe
|
|
sittenwidrigen
|
|
Handeln
|
|
Beraters
|
|
.
|
|
Hilfeleistung
|
|
eigentliche
|
|
einzige
|
|
Beweggrund
|
|
Brokers
|
|
ist
|
|
andere
|
|
Absichten
|
|
Ziele
|
|
Berater
|
|
verfolgt
|
|
Handeln
|
|
möglicherweise
|
|
sogar
|
|
innerlich
|
|
ablehnt
|
|
ist
|
|
Haftung
|
|
unerheblich
|
|
vgl.
|
|
Senatsurteil
|
|
.
|
|
Wertung
|
|
wird
|
|
Frage
|
|
gestellt
|
|
KickBack-Vereinbarung
|
|
offengelegt
|
|
war
|
|
Prozeßbevollmächtigte
|
|
Beklagten
|
|
mündlichen
|
|
Verhandlung
|
|
hingewiesen
|
|
hat
|
|
aufgedeckte
|
|
mehrstufige
|
|
Provisionsabreden
|
|
absolut
|
|
üblich
|
|
sein
|
|
mögen
|
|
.
|
|
Gefahr
|
|
vorliegend
|
|
getroffene
|
|
Vereinbarung
|
|
Berater
|
|
Anleger
|
|
kontrollierende
|
|
Möglichkeit
|
|
bot
|
|
bestand
|
|
Fall
|
|
zeigt
|
|
auch
|
|
naheliegt
|
|
gleichwohl
|
|
.
|
|
Beklagten
|
|
vorgetragene
|
|
Argument
|
|
sei
|
|
festgestellt
|
|
Beklagten
|
|
konkrete
|
|
Anhaltspunkte
|
|
Fehlverhalten
|
|
M-GmbH
|
|
vorgelegen
|
|
hätten
|
|
geht
|
|
.
|
|
bestehende
|
|
Vertragskonstruktion
|
|
war
|
|
bereits
|
|
Anhaltspunkt
|
|
Beklagte
|
|
unbeachtet
|
|
lassen
|
|
durfte
|
|
.
|
|
Entsprechendes
|
|
gilt
|
|
Argument
|
|
Beklagte
|
|
habe
|
|
erkennen
|
|
können
|
|
hier
|
|
wirtschaftlich
|
|
sinnlose
|
|
Geschäfte
|
|
professionellen
|
|
Anleger
|
|
getätigt
|
|
worden
|
|
seien
|
|
.
|
|
mag
|
|
sein
|
|
Eigenhandel
|
|
seinerzeit
|
|
ähnliche
|
|
Geschäfte
|
|
deutschen
|
|
Banken
|
|
Gewinn
|
|
trieben
|
|
wurden
|
|
.
|
|
Bejahung
|
|
Haftung
|
|
maßgebliche
|
|
Betrachtung
|
|
stellt
|
|
stetige
|
|
Beobachtung
|
|
sämtlicher
|
|
durchlaufender
|
|
Geschäfte
|
|
Kläger
|
|
betriebenen
|
|
Geschäfte
|
|
Beklagten
|
|
bekannten
|
|
gefahrenträchtigen
|
|
Vertragssituation
|
|
bedenkenlos
|
|
jedwede
|
|
Vorsorge
|
|
Mißbrauch
|
|
durchgeführt
|
|
werden
|
|
durften
|
|
.
|
|
vorstehende
|
|
Betrachtungsweise
|
|
ist
|
|
nur
|
|
vertragliche
|
|
auch
|
|
deliktische
|
|
Haftung
|
|
gerechtfertigt
|
|
.
|
|
Verhandlung
|
|
Senat
|
|
Prozeßbevollmächtigten
|
|
Beklagten
|
|
geäußerten
|
|
Ansicht
|
|
muß
|
|
Haftung
|
|
§
|
|
§
|
|
gesamte
|
|
vertragliche
|
|
Hintergrund
|
|
ausgeblendet
|
|
werden
|
|
.
|
|
Zwar
|
|
dürfen
|
|
deutschen
|
|
Gerichte
|
|
vorliegenden
|
|
Fall
|
|
nur
|
|
deliktische
|
|
Haftung
|
|
prüfen
|
|
.
|
|
Frage
|
|
Haftung
|
|
bejahen
|
|
ist
|
|
insbesondere
|
|
Kenntnisstand
|
|
Willensrichtung
|
|
Beklagten
|
|
Teilnahme
|
|
haftungsrechtlich
|
|
relevanten
|
|
Handeln
|
|
M-GmbH
|
|
ausgegangen
|
|
werden
|
|
kann
|
|
sind
|
|
aber
|
|
Umstände
|
|
insbesondere
|
|
auch
|
|
bestehenden
|
|
vertraglichen
|
|
Vereinbarungen
|
|
Betracht
|
|
ziehen
|
|
.
|
|
So
|
|
sind
|
|
auch
|
|
Ausführungen
|
|
angefochtenen
|
|
Urteil
|
|
verstehen
|
|
.
|
|
Berufungsgericht
|
|
hat
|
|
Beklagte
|
|
Verletzung
|
|
vertraglicher
|
|
Pflichten
|
|
etwa
|
|
Beratungspflicht
|
|
verurteilt
|
|
Hintergrund
|
|
vertraglichen
|
|
Vereinbarungen
|
|
beurteilende
|
|
Gesamtsituation
|
|
Bejahung
|
|
Teilnahmehandlung
|
|
gerechtfertigt
|
|
erscheinen
|
|
läßt
|
|
.
|
|
Rechtslage
|
|
können
|
|
Verfahrensrügen
|
|
erkennende
|
|
Senat
|
|
insgesamt
|
|
geprüft
|
|
hat
|
|
Revision
|
|
Erfolg
|
|
verhelfen
|
|
§
|
|
.
|
|
Insoweit
|
|
sei
|
|
lediglich
|
|
noch
|
|
ausgeführt
|
|
dahinstehen
|
|
kann
|
|
Berufungsurteil
|
|
Beweiskraft
|
|
Aussage
|
|
Zeugen
|
|
Seiten
|
|
unterschiedlich
|
|
stark
|
|
bewertet
|
|
.
|
|
Berufungsgericht
|
|
vorgenommene
|
|
Gesamtwürdigung
|
|
hält
|
|
revisionsrechtlicher
|
|
Überprüfung
|
|
auch
|
|
dann
|
|
stand
|
|
Aussage
|
|
Zeugen
|
|
auch
|
|
zusammenfassenden
|
|
Würdigung
|
|
Seite
|
|
Urteils
|
|
sonderlich
|
|
starke
|
|
Indizwirkung
|
|
zumißt
|
|
.
|
|
3
|
|
.
|
|
Erfolg
|
|
wendet
|
|
Revision
|
|
Ausführungen
|
|
Berufungsgerichts
|
|
Schadenshöhe
|
|
.
|
|
kann
|
|
dahinstehen
|
|
Berufungsurteil
|
|
Schadenshöhe
|
|
zweiter
|
|
Instanz
|
|
unstreitig
|
|
bezeichnet
|
|
wird
|
|
unterlassenen
|
|
Tatbestandsberichtigungsantrags
|
|
insoweit
|
|
noch
|
|
angegriffen
|
|
werden
|
|
kann
|
|
.
|
|
Jedenfalls
|
|
geht
|
|
Berufungsgericht
|
|
Rechtsfehler
|
|
Klägern
|
|
Umständen
|
|
Streitfalls
|
|
Gesamtschaden
|
|
ersetzen
|
|
ist
|
|
.
|
|
Auffassung
|
|
Beklagten
|
|
Spekulationsverluste
|
|
Aufwendungen
|
|
auch
|
|
pflichtgemäßem
|
|
Verhalten
|
|
Beraters
|
|
entstanden
|
|
wären
|
|
seien
|
|
herauszurechnen
|
|
Schutzzweck
|
|
verletzten
|
|
Pflicht
|
|
umfaßt
|
|
seien
|
|
Kläger
|
|
hätten
|
|
darzulegen
|
|
Schaden
|
|
dann
|
|
noch
|
|
verbleibe
|
|
kann
|
|
gefolgt
|
|
werden
|
|
.
|
|
steht
|
|
M-GmbH
|
|
Klägern
|
|
getroffenen
|
|
Vereinbarungen
|
|
vornherein
|
|
benutzt
|
|
hat
|
|
Provisionen
|
|
schinden
|
|
.
|
|
einzelne
|
|
Geschäft
|
|
war
|
|
Motivation
|
|
getragen
|
|
.
|
|
sittenwidrige
|
|
Schädigung
|
|
besteht
|
|
allein
|
|
überhöhten
|
|
Provisionsbelastung
|
|
auch
|
|
Geschäfte
|
|
überhaupt
|
|
Berücksichtigung
|
|
Gewinninteressen
|
|
Anleger
|
|
getätigt
|
|
wurden
|
|
.
|
|
Schutzzweck
|
|
§
|
|
erfaßt
|
|
Fall
|
|
entstandenen
|
|
Verluste
|
|
Schädiger
|
|
darlegt
|
|
beweist
|
|
Umfang
|
|
Vermögen
|
|
Geschädigten
|
|
völlig
|
|
unabhängig
|
|
getätigten
|
|
Geschäften
|
|
verringert
|
|
hätte
|
|
.
|
|
schadensrechtliche
|
|
Betrachtung
|
|
ist
|
|
auch
|
|
geboten
|
|
insgesamt
|
|
sittenwidrigen
|
|
Motivation
|
|
getragenen
|
|
Geschäftsgebaren
|
|
hier
|
|
vorlag
|
|
Belastung
|
|
Geschädigten
|
|
Beweis
|
|
Vermögenslage
|
|
ordnungsgemäßem
|
|
Verhalten
|
|
Schädigers
|
|
anderweiter
|
|
Anlage
|
|
entwickelt
|
|
hätte
|
|
Regel
|
|
unzumutbar
|
|
erscheint
|
|
vgl.
|
|
auch
|
|
Urteil
|
|
28
|
|
.
|
|
Februar
|
|
XI
|
|
.
|
|
Beklagte
|
|
haftet
|
|
Berufungsgericht
|
|
festgestellten
|
|
Gesamtschaden
|
|
M-GmbH
|
|
Gesamtschuldner
|
|
§
|
|
Abs.
|
|
Satz
|
|
Abs.
|
|
§
|
|
Abs.
|
|
.
|
|
.
|
|
Revision
|
|
ist
|
|
Kostenfolge
|
|
§
|
|
Abs.
|
|
zurückzuweisen
|
|
.
|
|
Greiner
|
|
Pauge
|
|
Zoll
|